बालक का गुस्सा (Balak Ka Gussa short moral story in Hindi)
एक समय की बात है एक छोटा बच्चा (small child) जो बहुत प्रतिभाशाली, तेज दिमाग और रचनात्मक था, उसमें एक बहुत बड़ी कमी थी। वह आत्मकेन्द्रित और बहुत गुस्से (angry) वाला था। जब उसे गुस्सा (anger) आता तो वह किसी की परवाह नहीं करता तथा उल्टा-सीधा (abusive language) बोल देता था इसलिए उसके बहुत कम दोस्त थे। (short moral story)
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगा, माता-पिता को चिन्ता सताने लगी कि उसका यह दोष कैसे दूर किया जाए। अखिरकार पिता जी को एक आइडिया (idea) आया। उन्होंने बच्चे को हथोड़ा और कीलों का एक थैला दिया। “जब भी तुम्हें गुस्सा आये, तो तुम बाड़े की लकड़ी पर एक कील को हथोड़े से ठोक देना। जितनी तेजी से कील को हथोड़े से मार सको मारो।”
पुराने बाड़े में लगी लकड़ी बहुत मजबूत थी और हथोड़ा भी काफी भारी था इसलिए उसे चलाना इतना भी आसान नहीं था, जैसा कि बच्चे को लग रहा था।
बच्चे (child) में गुस्सा (anger) इतना ज्यादा था कि पहले दिन ही उसने 37 कीलें गाड़ दी। धीरे-धीरे समय बीतने के साथ कीलों को गाड़ने की संख्या कम होने लगी। आखिरकार वह दिन भी आया जब बच्चे को गुस्सा नहीं आया और उसने एक भी कील उस दिन बाड़े पर नहीं गाड़ी।
आज उसे अपने आप पर बहुत गर्व होने लगा। वह भागा-भागा पिता जी के पास गया और अपनी इस उपलब्धी का बखान किया।
उसके पिता जी बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा-‘बेटा! जाकर एक कील निकाल दो। अब हर उस दिन जब तुम्हें गुस्सा (anger) न आये एक कील निकाल दिया करो।’
काफी हफ्ते बीत गये। आखिरकार वह दिन भी आया जब एक भी कील निकालनी बाकी नहीं रह गयी। बेटा पिताजी को बाड़ा दिखाने ले गया।
“बेटा! तुमने बहुत अच्छा काम किया है।” पिता ने कहा-“देखो, जहाँ-जहाँ कील गढ़ी हुई थी वहाँ पर छेद रह गया है। अब यह बाड़ा पहले के जैसा कभी नहीं रह सकता। किसी से गुस्सा या बुरा बर्ताव करना भी इसी प्रकार का नतीजा देता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि तुम कितनी बार माफी मांगते हो। दिल में बात तो हमेशा रह ही जाती है। दिल में लगा हुआ घाव शारीरिक घाव से भी बड़ा होता है। अतः हमें हर-एक के साथ प्रेम और सम्मान का व्यवहार करना चाहिए। हमें जितना हो सके उस निशान को रोकने का प्रयास करना चाहिए।”
कदमताल पर प्रकाशित कहानियों की सूची
आपको यह story बालक का गुस्सा (Balak Ka Gussa short moral story in Hindi) कैसी लगी, कृप्या कमेंट बाक्स पर साझा करें।
आपके पास यदि Hindi में कोई article, motivational & inspirational story, essay है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ kadamtaal@gmail.com पर E-mail करें. हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ प्रकाशित करेंगे|
Very nice story … Thanks for sharing this!! 🙂 🙂
Thanks @ Hindindia